अमेरिका को सबसे बड़ा धोखा किसने दिया? एक भारतीय ने रचा था इतिहास और फिर किया था ग़द्दारी
क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे महंगा और अदृश्य (invisible) बमवर्षक विमान—B2 Bomber (बॉम्बर)—जिसकी तकनीक को अमेरिका दुनिया से छिपाता है, उसे बनाने में एक भारतीय का हाथ था? और वही भारतीय बाद में अमेरिका को इतिहास का सबसे बड़ा तकनीकी धोखा दे गया।
परिचय: जब भारतीय प्रतिभा बनी अमेरिका की ताकत
मुंबई के रहने वाले नोशिर शेरियारजी गोवाडिया, एक बेहद प्रतिभाशाली एयरोस्पेस इंजीनियर थे। उन्होंने अमेरिका में रहते हुए B-2 बॉम्बर के प्रपल्शन सिस्टम (इंजन और एयर इंटेक सिस्टम) के विकास में अहम भूमिका निभाई थी। यह वही विमान है जो रडार में नहीं आता, यानी जिसे “इनविज़िबल बॉम्बर” कहा जाता है।
B-2 बॉम्बर इतना खास है कि इसकी कीमत लगभग 2000 करोड़ रुपये प्रति यूनिट है और इसे केवल अमेरिकी वायुसेना ही इस्तेमाल करती है।
नोशिर का कमाल: भारतीय दिमाग जिसने रचा तकनीकी चमत्कार
नोशिर ने B-2 के एयर इंटेक, प्रेशर सिस्टम और इंजन परफॉर्मेंस को इतनी बारीकी से डिज़ाइन किया कि यह प्लेन बिना रडार की पकड़ में आए उड़ान भर सकता है। अमेरिका को यह तकनीक मिलना एक बड़ी छलांग थी, और इसके पीछे एक भारतीय दिमाग था – यह गर्व की बात है।
फिर आई ग़द्दारी की घड़ी: जब राष्ट्रभक्ति हार गई लालच से
लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
कुछ साल बाद, नोशिर पर 2011 में अमेरिका में जासूसी और टेक्नोलॉजी लीक करने का आरोप लगा। आरोप था कि उन्होंने B-2 बॉम्बर की बेहद गोपनीय जानकारी को चीन को बेच दिया।
चीन ने दी भारी रकम, नोशिर ने दी तकनीक
चीन की एक सैन्य एजेंसी ने नोशिर को रडार-इवेज़न तकनीक और प्रपल्शन सिस्टम की जानकारी के बदले भारी रकम ऑफर की, और उन्होंने यह डील स्वीकार कर ली। उन्होंने चुपचाप अमेरिका की सबसे खुफिया रक्षा तकनीक चीन को लीक कर दी।
2011 में अमेरिकी कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया और 30 साल की जेल की सजा सुना दी। यह घटना न सिर्फ अमेरिका के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी चेतावनी थी।
नतीजा: चीन ने तैयार किया H-20 बॉम्बर
अब खबरें हैं कि चीन ने अपनी खुद की स्टेल्थ बॉम्बर टेक्नोलॉजी विकसित कर ली है जिसका नाम है H-20 Bomber।
विशेषज्ञ मानते हैं कि इसमें इस्तेमाल की गई तकनीक काफी हद तक अमेरिका के B-2 बॉम्बर जैसी है – और यह संभव हुआ नोशिर की ग़द्दारी की वजह से।
क्या सीख मिलती है?
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देशभक्ति सिर्फ CEO बनने से नहीं आती, उसे निभाना भी होता है।
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एक व्यक्ति की लालच पूरे देश की सुरक्षा को खतरे में डाल सकती है।
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तकनीक और जानकारी आज के दौर की सबसे बड़ी पूंजी है – और इसकी रक्षा बेहद ज़रूरी है।
परिणाम: भारत की प्रतिभा को गर्व भी और सबक भी
नोशिर गोवाडिया की कहानी दो बातें सिखाती है:
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भारतीय दिमाग कहीं भी जाए, दुनिया में चमत्कार कर सकता है।
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लेकिन जब नैतिकता और देशप्रेम कमजोर पड़ जाए, तो वही दिमाग सबसे बड़ा खतरा भी बन सकता है।
आज जब चीन का H-20 बॉम्बर सामने आ रहा है, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इसकी नींव एक भारतीय के हाथों रखी गई थी—पर एक गलत राह पर।